कही जा रहे थे ! बस में थे , लगातार
बरसात के चलते काफी जगह यातायात
में दिक्कत हो रही थी !
ट्रैफिक चरम पर था ,साँझ का समय था ! अचानक
बस की खिड़की से देखते हुए
समीप ही आकर रुकी स्कुल बस पर नजर पड़ी
,स्कुल बस के स्टॉप पर बहुत सी महिलाओं
का झुण्ड अपने बच्चो की प्रतीक्षा कर
रहा था !
स्कूल बस से बच्चो के उतरते ही अपने
बच्चो के लिए प्रतीक्षारत माँए छाता लिए
सावधान
की मुद्रा में आ गई ।
बारिश बड़ी तेज हो रही है । बरसात भी बड़ी तबियत के साथ हो रही है
बारिश बड़ी तेज हो रही है । बरसात भी बड़ी तबियत के साथ हो रही है
तेज हवाए छतरियो को मुंह चिढ़ा रही है
,माँ तो भीगी जा रही है !
किन्तु चेहरे पर तनिक भी चिंता नहीं भीगने की !
चिंतित तो अपने बच्चो के लिए है ,बच्चे भिग न जाये इस जद्दोजहद में हर माँ है ।
किन्तु चेहरे पर तनिक भी चिंता नहीं भीगने की !
चिंतित तो अपने बच्चो के लिए है ,बच्चे भिग न जाये इस जद्दोजहद में हर माँ है ।
भारी बरसात में बस रुकते ही ,बच्चो का हुजूम बाहर की ओर दौड़ पड़ा
!
हर बच्चा माँ के पास पहुँचने की जल्दी में है ,
हर बच्चा माँ के पास पहुँचने की जल्दी में है ,
बच्चो
ने उतरते ही माँ की और रूख किया रेनकोट साथ थे लेकिन पहने नहीं थे ।
अभी बचपन है ,सुकुवार देह है ! रेनकोट
तक माँ पहनाएगी तब पहनेंगे .
बाहर निकलते ही
माताओ ने सबसे पहले बच्चो को छतरी से अच्छे से ढंक लिया,
तेज हवाओं के साथ बौछारे जारी है ! किन्तु माँ ने अपने कलेजे के टुकड़े को ,
तेज हवाओं के साथ बौछारे जारी है ! किन्तु माँ ने अपने कलेजे के टुकड़े को ,
हवा और
बौछारों की दिशा के विपरीत रखा है और खुद बौछार और हवा के बिच दीवार बन कर खड़ी है
!
भले
ही इस प्रयास में खुद भीगी जा रही है ।
अपनी छत्री बच्चो को देकर उनके बैग अपने कंधो पर टांगे माँ बच्चो को रेनकोट पहनने में
अपनी छत्री बच्चो को देकर उनके बैग अपने कंधो पर टांगे माँ बच्चो को रेनकोट पहनने में
जी जान लगाये दे
रही है । किन्तु इस बात को पूरी तरह ध्यान में रखे हुए है
के बच्चो को एक बूँद भी न छू पाए !
माँ और माँ की ममता को नमन _/\_
जवाब देंहटाएंनमन _/\_
हटाएंमाँ कितना सहती है करती है अपने बच्चों की खातिर ..काश की सभी समझ पाते ..
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर प्रेरक प्रस्तुति
माँ का प्रेम तो निस्वार्थ होता है ! किन्तु भौतिकता के इस युग में अफ़सोस होता है जब आज की पीढ़ी अपने माता पिता को दरकिनार कर व्यग्तिगत सुख को प्राधान्यता देते है .
हटाएंधन्यवाद
बहुत ही सुन्दर भाव हैं कविता के डायरेक्ट दिल से :).
जवाब देंहटाएंधन्यवाद संजय जी ! किन्तु यह कविता नहीं है जी !
हटाएंदेवें जी मुझे एकदम कविता जैसे भाव दिखे
जवाब देंहटाएंमुझे यह जानकर प्रसन्नता हुयी संजय जी ! धन्यवाद
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