माईकल बे की एक और शानदार
एक्शनपैक्ड प्रस्तुती ,
में खासा पसंद किया जाता रहा है ,फिल्म की कहानी की शुरुवात होती है
‘एप्रिल ओनिर ‘ से
जो की एक मिडिया हाउस में जर्नलिस्ट है !
और जिसने कभी कोई सनसनीखेज
न्यूज नहीं दी है जिस वजह से वह ऑफिस में
मजाक का पात्र बनती रहती है ,उन दिनों शहर
में एक निंजा अपराधी दल सक्रीय है
जिसे ‘फूटलैंड’ दल कहा जाता है ,जिसका मुखिया है
एक खूंखार और मार्शल आर्ट्स
का ज्ञाता ‘श्रेडर ‘जो न्युयोर्क पर एक अनजान साजिश की
अगुआई कर रहा है !
इत्तेफाक से एक दिन एप्रिल ‘फूटलैंड ‘ दल की एक वारदात का गवाह बनती
है
जिसे एक अनजान भीमकाय मानव सदृश्य प्राणी आकर रोकता है
जो बेमिसाल शक्ति का मालिक
है ,जिसके चलते फूटलैंड दल को फरार होना पड़ता है !
एप्रिल अपनी छानबीन में इस नातिजेपर
पहुँचती है के फूटलैंड दल
पर इससे पहले भी हमले हो चुके है और हमले में इसी तरह के
संदिग्ध का हाथ है !
वह उन्हें रक्षक का नाम देती है .
और उनकी खोजबीन में
लग जाती है ,किसी को उसपर विश्वास नहीं के शहर में
ऐसा कोई रक्षक घूम रहा है ! अपने
दल पर होते हमलो से ‘श्रेडर ‘ चिंतित है
और उन हमलावरों को पकड़ने के लिए एक मेट्रो
स्टेशन पर हमला करवा देता है
,जिन्हें वे रक्षक नाकाम कर देते है ! किन्तु यही एप्रिल
का उनसे सामना होता है
तो वह भौचक्की रह जाती है ,जिन्हें वह रक्षक कहती है वह असल
में चार मानवसदृश्य
भीमकाय कछुए है ! वे एप्रिल को अपना राज राज रखने की चेतावनी देकर
चले जाते है !
दूसरी और ‘सैक्स इण्डस्ट्रीज
‘ का चीफ ‘एलन सैक्स ‘ भी इन ‘कछुवो ‘ के पीछे पड़ा है ,
और वह एप्रिल का इस्तेमाल करके
उन तक पहुंचना चाहता है !
लेकिन वे कछुए अकेले नहीं है ,बल्कि उनके साथ उन्ही की तरह
एक मानवसदृश चूहा भी है
जिसे वे कछुए अपना पिता कहते है ,वह उन्हें एप्रिल को अपने
पास लाने के लिए कहता है
क्योकि श्रेडर एप्रिल की पीछे पड़ चूका है !
एप्रिल उनके पास
आती है तब उसे पता चलता है के उसके मरहूम पिता और एलन सैक्स के
मिले जुले प्रयोग के
फलस्वरूप ये कछुए और चूहे में बदलाव आए है और
वे अतिमानव में बदले है ,
बचपन में एप्रिल
ने ही उनकी जान भी बचायी थी इसलिए वे एप्रिल के अहसानमन्द है !
एप्रिल का पीछा करते
हुए श्रेडर अपने दल बल सहित उन तक पहुँच जाता है
और मास्टर को घायल करके तीन टर्टल्स
को बंदी बना लेता है ,
उसका मकसद उनके खून में मिले हुए म्युटेजन से वायरस बनाकर न्युयोर्क
में तबाही लाने का है ,
क्या वह अपने मकसद में कामयाब हो पायेगा ?
निंजा टर्टल्स उसे
कैसे रोकते है यही बाकी कहानी है .
फिल्म में कॉमेडी तो है ही ,साथ में एक्शन का जोरदार
डोज भी है !
खासतौर से वह दृश्य जिनमे बर्फीली पहाडियों में टर्टल्स और श्रेडर दल एकदूसरे
का पीछा करते है
,कमाल का फिल्मांकन एवं गजब के स्पेशल इफेक्ट्स जो आपको दांतों तले
ऊँगली दबाने एवं
तालिया बजाने पर मजबूर कर देते है !
माईकल बे की फिल्म है तो भव्यता
बरकरार है ,एक्शन प्रेमी निराश नहीं होंगे !
मनोरंजन से भरपूर फिल्म है ,
चार स्टार
देवेन पाण्डेय
mast dekhney layak film hai
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