सोमवार, 6 जुलाई 2015

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फिल्म एक नजर में : मैड मैक्स : फुरी रोड


मैड मैक्स से भला कौन नहीं परिचित है , 
मैड मैक्स का नाम आते ही आँखों के सामने ‘मेल गिब्सन ‘ 
की एक माचो हीरो वाली इमेज तैर जाती है ! 
जिसकी तीन भागो की श्रृंखला ने अपार कामयाबी और प्रसिद्धि पाई .
तीसरी श्रृंखला के एक अरसे बाद चौथा भाग ‘मैड मैक्स : फुरी रोड ‘ रिलीज हुवा है ,
जो इस सीरिज के प्रशंषको के लिए एक तोहफे के समान है !
कहानी है उस तबाह हुयी दुनिया की ,जहा हैड्रोजन बम के विस्फोट के पश्चात
 हर चीज की कमतरता है ,जमीन बंजर है ,हरियाली गायब है !
 पानी की कमी के कारण मानवता नाश के कगार पर है और पृथ्वी 
एक मरुस्थल में तब्दील हो चुकी है ,ऐसे में ‘मैक्स ‘ ( टॉम हार्डी ) 
अब भी अपनी पुरानी यादो से पीछा छुडाने की गरज से बिना मकसद की
 जिन्दगी लिए दरबदर भटक रहा है !
उस मरुस्थल में एक तानाशाह का राज है ‘इमोर्टन जोई ‘ ( ,जिसके पास ‘पानी ‘ है ! 
और इसी वजह से वो सर्वेसर्वा बना हुवा है , वह मानवता की नस्लों को तबाह कर रहा है
 और नयी पीढ़ी के युवाओ की एक सेना का मालिक है ,
जो के पूरी तरह से जंगी युवा है जंग ही जिनका जीवन है ,उद्देश है ! 
उसके इस उद्देश की पूर्ति के लिए उसके पास कई बीविया है ,
जिनसे वह और योद्धा चाहता है !
उसकी एक दलपति ‘फ्युरोशिया ‘ ( चार्लीज थेरोन ) , ‘जोई ‘ के
 कब्जे से उसकी बीवियों को छुड़ा लेती है और फरार हो जाती है ! 
इसी दौरान मैक्स भी बंदी बना लिया गया है जोई की सेना द्वारा किन्तु वह
 इन्हें चकमा देकर भाग निकलता है और उसकी मुलाक़ात होती है ‘फ्युरोशिया  ‘ से !
 अब मैक्स और फ्युरोशिया का मकसद एक हो जाता है ,
अब जोई अपनी पूरी पागल योद्धाओ की सेना के साथ फ्युरोशिया के पीछे पड़ा है ,
और शुरू होती है एक न खत्म होनेवाले युद्ध का सिलसिला ,
जिसमे हार या जीत का अर्थ किसी एक का नाश है !
जहा इस सीरिज की पहली तीन फिल्मे ‘पेट्रोल ‘ के लिए जंग के ऊपर आधारित थी !
 वही फिल्म का चौथा भाग ‘पानी ‘ और ‘ लिंग अनुपात ‘ पर आधारित है ,
 फिल्म की जान इसका एक्शन है जो एक्शन प्रेमियों की कसौटी 
पर एकदम खरा उतरेगा .
हम मैड मैक्स का नाम लेते ही इसके मुख्य पात्र मैक्स के रूप में मेल गिब्सन को 
देखने के इतने आदि हो चुके है के ,
यह शंका घर कर जाती है के टॉम हार्डी इस किरदार को ढंग से निभा पायेंगे या नहीं ,
 किन्तु यह शंका एकदम निर्मूल साबित होती है जब आप फिल्म देखना शुरू करते है ! 
तब आप टॉम हार्डी या मेल गिब्सन को यद् नहीं रखते ,याद रहता है तो
 सिर्फ मैक्स जो आणविक युद्धों से तबाह और विकिरणों से ग्रस्त इस धरती पर मौजूद विभिन्न विकारों एवं मानसिक विकृतियों वाले समाज से लड़ रहा है ,
पूरी फिल्म में बमुश्किल से कुछ ही संवाद मिले है उसे ,इसके बावजूद वह सब पर भारी है ! 
फिल्म का दुसरा मुख चरित्र है फ्युरोशिया का जिसे चार्लीज थेरोन ने बखूबी निभाया है ,
कही कही तो वह मैक्स के किरदार पर भी हावी हो जाती है . फिल्म पूरी तरह से एक्शन के तानेबाने पर है ,ऐसा एक्शन जो आपको पलके झपकाने तक का भी अवसर न दे ! रेगिस्तान में सांसे रोक देनेवाले चेजिंग दृश्य वाकई अब तक के बेस्ट चेजिंग दृश्यों में से एक है यह कहना अतिश्योक्ति नहीं होगी ! स्पेशल इफेक्ट्स और ग्राफिक्स का शानदार प्रयोग है जिसे देख दांतों तले उंगलिया दबा लेंगी दर्शक .
शुरुवाती एक्शन दृश्यों में वह दृश्य बहुत ही लोमहर्षक बना है जिसमे वार ब्वायज द्वारा फ्युरोशिया एवं मैक्स का पीछा करने के प्रयास में पूरी टोली ‘रेत के भयानक तूफ़ान ‘ में फंस जाती है ! हद दर्जे का पागलपन एवं जुनून , फिल्म शुरू से लेकर अंत तक एक्शन से ही भरी है ,जिसमे दोहराव और उबाऊ क्षण बिलकुल भी नहीं आते ! और एक से बढकर एक स्टंट और ग्राफिक्स देखने को मिलते है !
कहानी दो लाईन की है ,बिलकुल सीधी और सपाट ! 
वैसे भी ये सीरिज एक्शन के लिए जानी जाती है ! और नब्बे एवं अस्सी के दशक के तुलना में २०१५ के ‘मैड मैक्स ‘ का एक्शन जानदार होना ही है .
कुल मिला कर यह फिल्म वैसे भी केवल एक्शन और स्टंट के दीवाने दर्शको के लिए ही है ! 
इसलिए ये शायद अन्य दर्शक वर्ग को इतनी पसंद न आये किन्तु इस जेनर के दीवानों की आशाओं पर यह फिल्म शत प्रतिशत खरी उतरती है ,काफी अरसे बाद एक ऐसी जबरदस्त एक्शन फिल्म आई है जो साँसे रोके थियेटर में बैठने को मजबूर कर देती है .
चूँकि फिल्म केवल एक्शन जेनर के लिए ही बनी है 
इसलिए इसे इस जेनर के लिए पुरे स्टार्स दिए जा सकते है !

देवेन पाण्डेय 

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