इंग्लिश ।
जेनर : एक्शन,फैंटसी,साईंस फिक्शन
फ्रंकेस्टाईन एक काल्पनिक चरित्र है जिसे आधार बना कर एक कालजयी उपन्यास लिखा गया
जिसने सफलता के रिकार्ड तोड़े । इस चरित्र पर कई फिल्मे भी बन चुकी है ।
इसी कड़ी में इस चरित्र को वर्तमान युग कल्पना करके कहानी का तानाबाना बुना गया है
"आई फ्रंकेस्टाईन" में।
फिल्म की शुरुवात होती है फ्रंकेस्टाईन द्वारा अपने निर्माता "विक्टर फ्रंकेस्टाईन" की लाश को दफनाये जाने से ,
फ्रंकेस्टाईन एक मानवनिर्मित प्राणी है जिसे कई मानवो के अंगो से मिलाकर बनाया गया है ।
कब्रस्तान में फ्रंकेस्टाईन पर उसी वक्त कुछ शैतानी प्राणियों का हमला होता है,
लेकिन उस हमले को नेक शक्तियों के रक्षक "गार्गोइल्स" नाकाम कर देते है ।
गर्गोइल्स फ्रंकेस्टाईन को अपनी दुनिया में ले जाते है ,उनका मानना है के उसका जन्म ईश्वर की
मर्जी के विरूद्ध है इसलिए उसका नष्ट होना जरुरी है ।
लेकिन गर्गोइल्स की क्वीन को फ्रंकेस्टाईन से हमदर्दी है जिसके कारण वह उसे जीवित छोड़ देती है
और शैतानी हमलो से बचने की सलाह देती है ।
शैतानो का राजा "प्रिंस नैबेरियस" फ्रंकेस्टाईन की तलाश में है,वह उसके जैसे और प्राणी बना
कर देवताओ की सत्ता को चनौती देना चाहता है ।
फ्रंकेस्टाईन अब चुप नहीं बैठना चाहता और वह इन शैतानो को खत्म करने की कसम खाता है ।
और इसी तरह दो सौ वर्ष बीत जाते है और घटनाए इक्कीसवी सदी में प्रवेश करती है ।
जिसमे फ्रंकेस्टाईन के खिलाफ गर्गोइल्स हो चुके है क्योकि उसने शैतानो के खिलाफ खुलेआम जंग छेड़ रखी है , इसी समय नैबेरियस द्वारा क्वीन का अपहरण कर लिया जाता है जिसे छुड़ाने के लिए
गर्गोइल्स फ्रंकेस्टाईन के निर्माता की एकमात्र पुस्तक का सौदा करते है ,
जिसमें फ्रंकेस्टाईन को बनाने की कहानी दर्ज थी ।
अब फ्रंकेस्टाईन के सामने चुनौती है इस पुस्तक को हासिल करने की और क्वीन को बचाने की ।
जिसके लिए उसे गार्गोइल्स और नोबेरियस की सेना से लड़ना है ।
यह है कहानी ,जिसे बड़े रोमांचक तरीके से प्रस्तुत किया गया है ।
कहानी एक्शन से भरपूर है, फ्रंकेस्टाईन का इस युग में मौजूद होने की कल्पना और उसे पाने के लिए
शैतान और रक्षको की लड़ाई का कांसेप्ट भी बढ़िया है ।
कमी है तो फ्रंकेस्टाईन के चित्रण में । सदियों से जिस फ्रंकेस्टाईन की कल्पना हम करते आये है ,
यह वह सात फुट लम्बा और भीमकाय फ्रंकेस्टाईन नहीं है ।
इसके बावजूद फिल्म देखते समय यह कमी खटकती नहीं है ।
शुरू से अंत तक फिल्म में गति है जिस वजह से फिल्म चुस्त है ।
एक्शन दृश्य और स्पेशल इफेक्ट्स का इस्तेमाल बढिया है ,देख सकते है ।
तीन स्टार
देवेन पाण्डेय
जेनर : एक्शन,फैंटसी,साईंस फिक्शन
फ्रंकेस्टाईन एक काल्पनिक चरित्र है जिसे आधार बना कर एक कालजयी उपन्यास लिखा गया
जिसने सफलता के रिकार्ड तोड़े । इस चरित्र पर कई फिल्मे भी बन चुकी है ।
इसी कड़ी में इस चरित्र को वर्तमान युग कल्पना करके कहानी का तानाबाना बुना गया है
"आई फ्रंकेस्टाईन" में।
फिल्म की शुरुवात होती है फ्रंकेस्टाईन द्वारा अपने निर्माता "विक्टर फ्रंकेस्टाईन" की लाश को दफनाये जाने से ,
फ्रंकेस्टाईन एक मानवनिर्मित प्राणी है जिसे कई मानवो के अंगो से मिलाकर बनाया गया है ।
कब्रस्तान में फ्रंकेस्टाईन पर उसी वक्त कुछ शैतानी प्राणियों का हमला होता है,
लेकिन उस हमले को नेक शक्तियों के रक्षक "गार्गोइल्स" नाकाम कर देते है ।
गर्गोइल्स फ्रंकेस्टाईन को अपनी दुनिया में ले जाते है ,उनका मानना है के उसका जन्म ईश्वर की
मर्जी के विरूद्ध है इसलिए उसका नष्ट होना जरुरी है ।
लेकिन गर्गोइल्स की क्वीन को फ्रंकेस्टाईन से हमदर्दी है जिसके कारण वह उसे जीवित छोड़ देती है
और शैतानी हमलो से बचने की सलाह देती है ।
शैतानो का राजा "प्रिंस नैबेरियस" फ्रंकेस्टाईन की तलाश में है,वह उसके जैसे और प्राणी बना
कर देवताओ की सत्ता को चनौती देना चाहता है ।
फ्रंकेस्टाईन अब चुप नहीं बैठना चाहता और वह इन शैतानो को खत्म करने की कसम खाता है ।
और इसी तरह दो सौ वर्ष बीत जाते है और घटनाए इक्कीसवी सदी में प्रवेश करती है ।
जिसमे फ्रंकेस्टाईन के खिलाफ गर्गोइल्स हो चुके है क्योकि उसने शैतानो के खिलाफ खुलेआम जंग छेड़ रखी है , इसी समय नैबेरियस द्वारा क्वीन का अपहरण कर लिया जाता है जिसे छुड़ाने के लिए
गर्गोइल्स फ्रंकेस्टाईन के निर्माता की एकमात्र पुस्तक का सौदा करते है ,
जिसमें फ्रंकेस्टाईन को बनाने की कहानी दर्ज थी ।
अब फ्रंकेस्टाईन के सामने चुनौती है इस पुस्तक को हासिल करने की और क्वीन को बचाने की ।
जिसके लिए उसे गार्गोइल्स और नोबेरियस की सेना से लड़ना है ।
यह है कहानी ,जिसे बड़े रोमांचक तरीके से प्रस्तुत किया गया है ।
कहानी एक्शन से भरपूर है, फ्रंकेस्टाईन का इस युग में मौजूद होने की कल्पना और उसे पाने के लिए
शैतान और रक्षको की लड़ाई का कांसेप्ट भी बढ़िया है ।
कमी है तो फ्रंकेस्टाईन के चित्रण में । सदियों से जिस फ्रंकेस्टाईन की कल्पना हम करते आये है ,
यह वह सात फुट लम्बा और भीमकाय फ्रंकेस्टाईन नहीं है ।
इसके बावजूद फिल्म देखते समय यह कमी खटकती नहीं है ।
शुरू से अंत तक फिल्म में गति है जिस वजह से फिल्म चुस्त है ।
एक्शन दृश्य और स्पेशल इफेक्ट्स का इस्तेमाल बढिया है ,देख सकते है ।
तीन स्टार
देवेन पाण्डेय
बहुत हि सुपर , जानकारी के लिए धन्यवाद !
जवाब देंहटाएंI.A.S.I.H - ( हिंदी में समस्त प्रकार की जानकारियाँ )