( यह कोई लम्बी चौड़ी पोस्ट नहीं है , केवल अपने मन की बात है संक्षेप में )
अब चूँकि त्योहारों का मौसम आ चुका है !
इसलिए त्योहारों में रिश्तो की दूकान सजाने
विदेशी कंपनिया भी अपने काम पर लग चुकी है ,
अब ये जता रहे है मानो इन्हें भारतीय त्योहारों की
आत्मीयता का पूरा ख्याल है ,'@री मिल्क ' @डबरी ' ऐसे जता रहे है
मानो 'रक्षाबंधन ' का त्यौहार इनके बिना अधूरा है !
माने भाई बहन का संबंध कुछ भी नहीं है !
रिश्ते में मिठास तो इन्ही के कारण है ! तरह तरह की विदेशी कम्पनिया जिनके
यहाँ इन रिश्तो की कोई अहमियत नहीं वो भी यहाँ रिश्तो के पाठ पढ़ा रही है ,
मतलब मार्किट बना रही है ! हमें पता ही नहीं चलता और ये विदेशी हमारे त्योहारों
में अपने मार्केट को ठूंस के रिश्तो को दिन ब दिन 'खोखला और दिखावे ' की वस्तु बनाते जा रहे है !
अब कोई भी शुभ काम करने से पहले 'मीठा ' खिलाने के लिए भी चोकलेट की प्रेरणा इन्ही ने दी है ,
भले ही वह शुभकाम किसी लडकी को फ्लर्ट करने का ही क्यों न हो !
( याद ही होगा ,''मेरी माँ ने कहा है कोई भी शुभ काम करने से पहले मिठा जरुर खा लेना )
भले ही एक बाईट की भिख मांग लो ! '' लार लिसडी हुयी ,गलती टपकती घिन्न आती
दुसरे की झूठन चाटने ,वह भी बेटी अपने बाप के सामने अपने बोयफ्रेंड से ,
और बहन भाई के सामने बॉयफ्रेंड के मुंह में मुंह डाले बिजबिजाती चोकलेटी लार चाटती
हुयी कहेगी 'किस मी क्लोज यूउर आईज ''!!!!
और ये हमें रिश्तो की अहमियत सिखायेंगे , विकृत कही के .
तो भाईयो और बहनों ....इन विदेशियों की मार्केटिंग का शिकार बनकर
रिश्तो को औपचारिकता न बनने दे ,हमें इनसे सिखने की जरुरत नहीं !
ये तो माल बेचने आए है किन्तु हम रिश्तो का मोल क्यों लगाने लगे ?
रिश्तो को आत्मीयता से 'मिठा ' बनाईये ,डेरी मी*या @डबरी ' से नहीं .
सभी मित्रो ,एवं बहनों को रक्षा बंधन की शुभकामनाये !
अब चूँकि त्योहारों का मौसम आ चुका है !
इसलिए त्योहारों में रिश्तो की दूकान सजाने
विदेशी कंपनिया भी अपने काम पर लग चुकी है ,
अब ये जता रहे है मानो इन्हें भारतीय त्योहारों की
आत्मीयता का पूरा ख्याल है ,'@री मिल्क ' @डबरी ' ऐसे जता रहे है
मानो 'रक्षाबंधन ' का त्यौहार इनके बिना अधूरा है !
माने भाई बहन का संबंध कुछ भी नहीं है !
रिश्ते में मिठास तो इन्ही के कारण है ! तरह तरह की विदेशी कम्पनिया जिनके
यहाँ इन रिश्तो की कोई अहमियत नहीं वो भी यहाँ रिश्तो के पाठ पढ़ा रही है ,
मतलब मार्किट बना रही है ! हमें पता ही नहीं चलता और ये विदेशी हमारे त्योहारों
में अपने मार्केट को ठूंस के रिश्तो को दिन ब दिन 'खोखला और दिखावे ' की वस्तु बनाते जा रहे है !
अब कोई भी शुभ काम करने से पहले 'मीठा ' खिलाने के लिए भी चोकलेट की प्रेरणा इन्ही ने दी है ,
भले ही वह शुभकाम किसी लडकी को फ्लर्ट करने का ही क्यों न हो !
( याद ही होगा ,''मेरी माँ ने कहा है कोई भी शुभ काम करने से पहले मिठा जरुर खा लेना )
भले ही एक बाईट की भिख मांग लो ! '' लार लिसडी हुयी ,गलती टपकती घिन्न आती
दुसरे की झूठन चाटने ,वह भी बेटी अपने बाप के सामने अपने बोयफ्रेंड से ,
और बहन भाई के सामने बॉयफ्रेंड के मुंह में मुंह डाले बिजबिजाती चोकलेटी लार चाटती
हुयी कहेगी 'किस मी क्लोज यूउर आईज ''!!!!
और ये हमें रिश्तो की अहमियत सिखायेंगे , विकृत कही के .
तो भाईयो और बहनों ....इन विदेशियों की मार्केटिंग का शिकार बनकर
रिश्तो को औपचारिकता न बनने दे ,हमें इनसे सिखने की जरुरत नहीं !
ये तो माल बेचने आए है किन्तु हम रिश्तो का मोल क्यों लगाने लगे ?
रिश्तो को आत्मीयता से 'मिठा ' बनाईये ,डेरी मी*या @डबरी ' से नहीं .
सभी मित्रो ,एवं बहनों को रक्षा बंधन की शुभकामनाये !
Is samman ke liye bahut bahut धन्यवाद !
जवाब देंहटाएं..बहुत ख़ूबसूरत प्रस्तुति...
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