खुद भूखे पेट सोता है, लेकिन परिवार के लिये दो वक्त की रोटी की जुगाड़ में..
‘’गरीब आज भी मरता है ‘’
सपने पुरे हो नहीं सकते , फिर भी सपने देखने के लिये ..
‘’गरीब आज भी मरता है ‘’
खुद पढ़ नहीं पाया, लेकिन बच्चे अनपढ़ न रह जाये इसलिए ..
‘’गरीब आज भी मरता है ‘’
घासलेट महंगी हो गई ! गैस महंगी हो गई ! लकड़ी खत्म हो गई ,
चूल्हे की आग ठंडी पड़ी है ,लेकिन पेट में आग लिये ..
‘’गरीब आज भी मरता है ‘’
महंगाई का पहाड़ सामने सही ,किन्तु मेहनत की हथौड़ी से पहाड़ तोड़ने के लिये
‘’गरीब आज भी मरता है ‘’
आखिरी बार दाढ़ी कब की थी पता नहीं , बेटे की क्लीन शेव के लिये
‘’गरीब आज भी मरता है ‘’
चप्पल की बद्दी जवाब दे चुकी है लेकिन बच्चो के ‘’ शूज ‘ के लिये
‘’गरीब आज भी मरता है ‘’
पत्नी का चेहरा मुरझाया हुवा है, लेकिन बेटी की ‘गोरेपन की क्रीम ‘ के लिये ..
‘’गरीब आज भी मरता है ‘’
उधडी पतलून का होश नहीं ! लेकिन बेटे के ‘’जींस’’ के लिये ...
‘’गरीब आज भी मरता है ‘’
महीने की तनख्वाह दो दिन में खत्म हो जाती है ! बचत के सिक्को में भविष्य संवारने के लिये ..
‘’गरीब आज भी मरता है ‘’
बिटिया बड़ी हो रही है ! शादी के लिये दहेज़ की चिंता में ..
‘’गरीब आज भी मरता है ‘’
बेटा बड़ा हो चूका है ! नौकरी की सिफारिश की जद्दोजहद में ...
‘’गरीब आज भी मरता है ‘’
दवाई पर जिन्दगी चल रही है ! लेकिन मेहनत करते हुये ...
‘’गरीब आज भी मरता है ‘’
महंगाई दर, कुछ प्रतिशत से घट रही है किन्तु ...
‘’गरीब आज भी मरता है ‘’
‘छब्बीस रूपये ‘’ में भरपेट भोजन मिलता है ,लेकिन भूख की वजह से ..
‘’गरीब आज भी मरता है ‘’
देश मंगल तक पहुँच गया है, लेकिन ....
‘’गरीब आज भी मरता है ‘’
सिनेमा सौ साल का हो गया, लेकिन पत्नी को फिल्म दिखाने की तमन्ना लिये ...
‘’गरीब आज भी मरता है ‘’
सेंसेक्स भले ही शीर्ष पर पहुँच गया हो लेकिन दिहाड़ी के आंकड़ो में ...
‘’गरीब आज भी मरता है ‘’
सारी उम्र जीने की जद्दोजहद में निर्जीव काया लिये ..
‘’गरीब आज भी मरता है ‘’
रोज मरना ही तो गरीब की नियति है ! गरीब कल भी मरता था ,कल भी मरेगा !
ईस नियति को बदलने के लिये ...
‘’गरीब आज भी मरता है ‘’
बहुत ही सुंदर लेखन , एक कटु सत्य ! , धन्यवाद !
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