कल कही से वापसी में ऑटो मिल नहीं रही थी ! बारिश की वजह से ट्रैफिक बहुत थी .
रिक्शा मिल नहीं रही थी ,एक काली पिली वैगन मिली जिसमे बैठ गया .
ड्राइवर चालु भाषा का इस्तेमाल कर रहा था ,,
ट्रैफिक लगेली है ,मूड की माँ बहन हो रेली है !!!!!! वगैरह वगैरह .
खैर बैठा और गाडी चल पड़ी , रस्ते में ट्रैफिक की वजह से काफी लोग पैदल जा रहे थे .
उनमे काफी तादाद में लडकिया भी थी !
और इन भाई साहब की नजरे उन्ही पर मेहरबान थी , कोई भी लड़की देखि तो उनके शब्द निम्नप्रकार के होते थे .
'क्या माल है बाप '
जबर आइटम है भाई ,
फुर्सत से बनायेला भाई .
क्या बोलते हो बड़े भाई ? उसने मुझसे पूछा .
पहले तो यार उसकी भाषा से ही चिढ हो रही थी ,ऊपर से उसकी यह बेहूदगी .
मै कुछ नहीं बोला ,
उसके बाद मैंने कुछ ऑब्जर्व किया ,गाडी में एक धर्म विशेष के स्टिकर लगे हुए थे
( यहाँ किसी धर्म विशेष को टारगेट नहीं कर रहा हु कृपया अन्यथा न ले )
तो मैंने यु ही आगे कुछ बुर्के वाली लड़कियों को देख कर उसे सुनाने की गरज से कहा .
'क्या माल है , '
जबरदस्त आइटम लग रही है भाई '
वो कहने लगा 'क्या कह रेले हो बड़े भाई ,वो तो बुर्कानशींन है आप किधर से आइटम और माल देख रेले हो ? '
मैंने कहा ' भाई नजर होनी चाहिए सब दिखता है , फिगर देख कर पता चलता है '
भाई ऐसा मत बोलो , उसने कहा
मैंने बोला क्या बात कर रहे हो भाई ,माल ही तो है ,
भाई वो बुर्केवाली है , ईमान वाली ,रोजेदार ,उसके बारे में ऐसी बाते नहीं करनी चाहिए .
तो मैंने कहा .
'तो दुसरो की माँ बहने क्या ईमान बेच खायी है जो उन्हें यह सब कह रहे हो ? ''
'आप खामखाह गुस्सा हो रेले हो , मै पहनावे से बोल रेल था देखो बुर्के में जिस्म ढंका हो तो अच्छा लगता है ,
मैंने कहा 'भाई ईमान तो तुम्हारा खराब है लड़कियों का नहीं ! अपनी वासना पर पर्दा रखो सारी लडकिया पर्दानशींन नजर आएगी .
यदि लडकिया पर्दा कर रही है तो ये उनका ईमान नहीं ,तुम्हारी बेईमानी है , अपनी नजरो पे पर्दा करो भाई .
'आप नहीं जानते इसलिए बोल रेले हो भाई .
गाडी चलाओ , नजर रस्ते पर रखे !
मैंने गुस्से में कहा .
उसने फिर चुपचाप गाडी चलाई ,और रास्ते भर माल आइटम का नाम नहीं लिया .
रिक्शा मिल नहीं रही थी ,एक काली पिली वैगन मिली जिसमे बैठ गया .
ड्राइवर चालु भाषा का इस्तेमाल कर रहा था ,,
ट्रैफिक लगेली है ,मूड की माँ बहन हो रेली है !!!!!! वगैरह वगैरह .
खैर बैठा और गाडी चल पड़ी , रस्ते में ट्रैफिक की वजह से काफी लोग पैदल जा रहे थे .
उनमे काफी तादाद में लडकिया भी थी !
और इन भाई साहब की नजरे उन्ही पर मेहरबान थी , कोई भी लड़की देखि तो उनके शब्द निम्नप्रकार के होते थे .
'क्या माल है बाप '
जबर आइटम है भाई ,
फुर्सत से बनायेला भाई .
क्या बोलते हो बड़े भाई ? उसने मुझसे पूछा .
पहले तो यार उसकी भाषा से ही चिढ हो रही थी ,ऊपर से उसकी यह बेहूदगी .
मै कुछ नहीं बोला ,
उसके बाद मैंने कुछ ऑब्जर्व किया ,गाडी में एक धर्म विशेष के स्टिकर लगे हुए थे
( यहाँ किसी धर्म विशेष को टारगेट नहीं कर रहा हु कृपया अन्यथा न ले )
तो मैंने यु ही आगे कुछ बुर्के वाली लड़कियों को देख कर उसे सुनाने की गरज से कहा .
'क्या माल है , '
जबरदस्त आइटम लग रही है भाई '
वो कहने लगा 'क्या कह रेले हो बड़े भाई ,वो तो बुर्कानशींन है आप किधर से आइटम और माल देख रेले हो ? '
मैंने कहा ' भाई नजर होनी चाहिए सब दिखता है , फिगर देख कर पता चलता है '
भाई ऐसा मत बोलो , उसने कहा
मैंने बोला क्या बात कर रहे हो भाई ,माल ही तो है ,
भाई वो बुर्केवाली है , ईमान वाली ,रोजेदार ,उसके बारे में ऐसी बाते नहीं करनी चाहिए .
तो मैंने कहा .
'तो दुसरो की माँ बहने क्या ईमान बेच खायी है जो उन्हें यह सब कह रहे हो ? ''
'आप खामखाह गुस्सा हो रेले हो , मै पहनावे से बोल रेल था देखो बुर्के में जिस्म ढंका हो तो अच्छा लगता है ,
मैंने कहा 'भाई ईमान तो तुम्हारा खराब है लड़कियों का नहीं ! अपनी वासना पर पर्दा रखो सारी लडकिया पर्दानशींन नजर आएगी .
यदि लडकिया पर्दा कर रही है तो ये उनका ईमान नहीं ,तुम्हारी बेईमानी है , अपनी नजरो पे पर्दा करो भाई .
'आप नहीं जानते इसलिए बोल रेले हो भाई .
गाडी चलाओ , नजर रस्ते पर रखे !
मैंने गुस्से में कहा .
उसने फिर चुपचाप गाडी चलाई ,और रास्ते भर माल आइटम का नाम नहीं लिया .
धन्यवाद इस सम्मान एवं प्रोत्साहन हेतु .
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर ,बेह्तरीन अभिव्यक्ति !शुभकामनायें. और कुछ अपने विचारो से हमें भी अवगत करवाते रहिये.
जवाब देंहटाएंअच्छा ठंसा ... कमबख्त जुबान संभाल कर बात करने में अपनी तौहीन समझते है ऐसी सिरफिरे लोग ...
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