निर्देशक : प्रभु देवा
कलाकार : अजय देवगन ,सोनाक्षी सिन्हा ,आनंद राज ,यामी गौतम
प्रभु देवा अपनी अलग तरह की एक्शन फिल्मो के लिए मशहूर है जो मॉस अपीलिंग होती है ,
वांटेड हो या रावडी राठोड ,दोनों फिल्मे चालू मसालों और एक्शन से भरपूर थी
जो बॉक्स ऑफिस पर सुपरहिट रही !
प्रभु देवा ने हल ही में एक्क्षन इमेज के विपरित एक रोमांटिक फिल्म बनाई थी ‘रमैय्या वस्तावैय्या ‘
,जिसकी कमजोर कहानी और निर्देशन की वजह फिल्म औसत रही !
शायद इसीलिए प्रभु देवा ने पुनः एक्शन की और लौटने का मन बनाया और
‘एक्शन जैक्सन ‘ के रूप में फिर से एक एक्शन से भरपूर मसाला फिल्म प्रस्तुत है !
लेकिन इस बार वह बात नहीं बनी ,कुछ कमी अवश्य रह गयी ,मसाले कुछ ज्यादा ही तीखे हो गए !
विशी ( अज्जी देवगन ) एक मवाली है ,जो कुछ प्पैसो के लिए किसी की भी धुनाई कर सकता है !
किन्तु उस मवाली का भी एक अच्छा पहलु है के वहा सह्रदय व्यक्ति भी है जो किसी के दुःख से पसीज जाता है !
एक दिन एक अज्जिब घटनाक्रम में उसकी मुलाकात ‘ख़ुशी ‘( सोनाक्षी ) से होती है जो विशी को नग्न अवस्था में देख लेती है,दरअसल वह एक फूटी किस्मत की लडकी है किन्तु विशी से मुलाक़ात के
बाद उसकी किस्मत बदल जाती है जिसका जिम्मेदार वह विशी को उस हालत में देखना मानती है
और वह अपना लक बदलने के लिए फिर से उसे उसी हालत में देखना चाहती है ( मूर्खता की हद है ) कुछ घटनाक्रम के पश्चात उसे विशी से प्यार हो जाता है ,लेकिन कहानी में तब ट्विस्ट आता है जब ‘एजे ‘ ( अजय देवगन दोहरी भूमिका में ) का प्रवेश होता है !
उधर कुछ गैंग्स्टर्स विशी के पीछे पड़ जाते है ,तब एजे की हकीकत विशी के सामने खुलती है ! और एजे विशी की मदद मांगता है ! दरअसल विशी एक इंटरनैशनल क्रिमिनल ‘जेवियर ‘( आनंद राज )
के लिए काम करता था,और उस पर जेवियर की बहन ‘मरीना ‘ आकर्षित हो जाती है
और वह उसे हर हाल में पाना चाहती है ,लेकिन एजे ‘अनुषा ‘ ( यामी गौतम )
से प्यार करता है और वह ‘मरीना ‘ का प्रस्ताव ठुकरा देता है ,
जिसकी वजह से मरीना और जेवियर 'अनुषा ' की जान के पीछे पड़ जाते है ,
और एजे को मुंबई आने पर विवश होना पड़ता है !
अनुषा पर हुए जानलेवा हमले की वजह से वह अंडरग्राउंड है और अनुषा का इलाज करवा रहा है !
वह कुछ समय के लिए विशि को अपनी जगह जाने को कहता है !
फिर क्या होता है यही बाकी कहानी है !
कहानी इतनी बिखरी हुयी है के सिर्फ टुकड़ो में ही अच्छी लगती है ,
एक जगह पर सोनाक्षी का संवाद है 'पहले यह 'सिंघम ' था लेकिन बदलने के बाद 'चिंगम ' बन गया ''
! यह संवाद इस फिल्म के लिए भी सटीक बैठता है ,चूँकि फिल्म सिर्फ सौ करोड़ी दो सौ करोड़ी क्लब के लिए ही बनायी गयी थी इसलिए शायद कहानी से कोई फर्क नहीं पड़ता ,
वैसे फिल्म को उम्मीद के मुताबिक बम्पर ओपनिंग नहीं मिली ,
पहले दिन तरह चौदह करोड़ का आंकड़ा ही पार कर पायी ,फिल्म में बैकग्राउंड बहुत अखरता है
जो काफी बिखरा हुवा और अस्पष्ट है , बाकी अभिनय की बात करे तो अजय देवगन सामान्य रहे ,
विशि के रोल में जहा हँसाते है वही एजे के किरदार में उलझे हुए लगते है !
सोनाक्षी ने अपनेआप को दोहराया है ,यामी गौतम को उल्लेख करने जितनी फूटेज भी नहीं मिली ,फिल्म के दो किरदार असर छोड़ जाते है जिसमे जेवियर बने आनंद राज अपने गेट अप और भारी आवाज के साथ खलनायक के रोल को पूरी तरह से जीते है ,डॉन की सनकी बहन के किरदार में 'मनस्वी ' भी न्याय करती है ,उनका किरदार बोल्ड एवं क्रूर था जो उन्होंने बढ़िया निभाया !
कुणाल रॉय कपूर विशि के दोस्त 'मूसा ' के किरदार में हल्के फुल्के क्षण जरूर दे जाते है
जो फिल्म में राहत प्रदान करते है ! संगीत पक्ष में गीत रिलीज के एक हफ्ते बाद भुला दिए जायेंगे
इसलिए उल्लेखनीय नहीं है ,एक्शन ओवर रहा है ,
वही केबल के पुराने ट्रिक्स जिन्हे देख देख कर दर्शक उकता चुके है !
एक्शन प्रधान फिल्म में एक्शन की क्वालिटी न होना अखरता है ,
कुल मिला कर प्रभु देवा ने इस बार वह कमाल नहीं दिखाया जिसकी उनसे अपेक्षा की जाती है !
डेढ़ स्टार
देवेन पाण्डेय
कलाकार : अजय देवगन ,सोनाक्षी सिन्हा ,आनंद राज ,यामी गौतम
प्रभु देवा अपनी अलग तरह की एक्शन फिल्मो के लिए मशहूर है जो मॉस अपीलिंग होती है ,
वांटेड हो या रावडी राठोड ,दोनों फिल्मे चालू मसालों और एक्शन से भरपूर थी
जो बॉक्स ऑफिस पर सुपरहिट रही !
प्रभु देवा ने हल ही में एक्क्षन इमेज के विपरित एक रोमांटिक फिल्म बनाई थी ‘रमैय्या वस्तावैय्या ‘
,जिसकी कमजोर कहानी और निर्देशन की वजह फिल्म औसत रही !
शायद इसीलिए प्रभु देवा ने पुनः एक्शन की और लौटने का मन बनाया और
‘एक्शन जैक्सन ‘ के रूप में फिर से एक एक्शन से भरपूर मसाला फिल्म प्रस्तुत है !
लेकिन इस बार वह बात नहीं बनी ,कुछ कमी अवश्य रह गयी ,मसाले कुछ ज्यादा ही तीखे हो गए !
विशी ( अज्जी देवगन ) एक मवाली है ,जो कुछ प्पैसो के लिए किसी की भी धुनाई कर सकता है !
किन्तु उस मवाली का भी एक अच्छा पहलु है के वहा सह्रदय व्यक्ति भी है जो किसी के दुःख से पसीज जाता है !
एक दिन एक अज्जिब घटनाक्रम में उसकी मुलाकात ‘ख़ुशी ‘( सोनाक्षी ) से होती है जो विशी को नग्न अवस्था में देख लेती है,दरअसल वह एक फूटी किस्मत की लडकी है किन्तु विशी से मुलाक़ात के
बाद उसकी किस्मत बदल जाती है जिसका जिम्मेदार वह विशी को उस हालत में देखना मानती है
और वह अपना लक बदलने के लिए फिर से उसे उसी हालत में देखना चाहती है ( मूर्खता की हद है ) कुछ घटनाक्रम के पश्चात उसे विशी से प्यार हो जाता है ,लेकिन कहानी में तब ट्विस्ट आता है जब ‘एजे ‘ ( अजय देवगन दोहरी भूमिका में ) का प्रवेश होता है !
उधर कुछ गैंग्स्टर्स विशी के पीछे पड़ जाते है ,तब एजे की हकीकत विशी के सामने खुलती है ! और एजे विशी की मदद मांगता है ! दरअसल विशी एक इंटरनैशनल क्रिमिनल ‘जेवियर ‘( आनंद राज )
के लिए काम करता था,और उस पर जेवियर की बहन ‘मरीना ‘ आकर्षित हो जाती है
और वह उसे हर हाल में पाना चाहती है ,लेकिन एजे ‘अनुषा ‘ ( यामी गौतम )
से प्यार करता है और वह ‘मरीना ‘ का प्रस्ताव ठुकरा देता है ,
जिसकी वजह से मरीना और जेवियर 'अनुषा ' की जान के पीछे पड़ जाते है ,
और एजे को मुंबई आने पर विवश होना पड़ता है !
अनुषा पर हुए जानलेवा हमले की वजह से वह अंडरग्राउंड है और अनुषा का इलाज करवा रहा है !
वह कुछ समय के लिए विशि को अपनी जगह जाने को कहता है !
फिर क्या होता है यही बाकी कहानी है !
कहानी इतनी बिखरी हुयी है के सिर्फ टुकड़ो में ही अच्छी लगती है ,
एक जगह पर सोनाक्षी का संवाद है 'पहले यह 'सिंघम ' था लेकिन बदलने के बाद 'चिंगम ' बन गया ''
! यह संवाद इस फिल्म के लिए भी सटीक बैठता है ,चूँकि फिल्म सिर्फ सौ करोड़ी दो सौ करोड़ी क्लब के लिए ही बनायी गयी थी इसलिए शायद कहानी से कोई फर्क नहीं पड़ता ,
वैसे फिल्म को उम्मीद के मुताबिक बम्पर ओपनिंग नहीं मिली ,
पहले दिन तरह चौदह करोड़ का आंकड़ा ही पार कर पायी ,फिल्म में बैकग्राउंड बहुत अखरता है
जो काफी बिखरा हुवा और अस्पष्ट है , बाकी अभिनय की बात करे तो अजय देवगन सामान्य रहे ,
विशि के रोल में जहा हँसाते है वही एजे के किरदार में उलझे हुए लगते है !
सोनाक्षी ने अपनेआप को दोहराया है ,यामी गौतम को उल्लेख करने जितनी फूटेज भी नहीं मिली ,फिल्म के दो किरदार असर छोड़ जाते है जिसमे जेवियर बने आनंद राज अपने गेट अप और भारी आवाज के साथ खलनायक के रोल को पूरी तरह से जीते है ,डॉन की सनकी बहन के किरदार में 'मनस्वी ' भी न्याय करती है ,उनका किरदार बोल्ड एवं क्रूर था जो उन्होंने बढ़िया निभाया !
कुणाल रॉय कपूर विशि के दोस्त 'मूसा ' के किरदार में हल्के फुल्के क्षण जरूर दे जाते है
जो फिल्म में राहत प्रदान करते है ! संगीत पक्ष में गीत रिलीज के एक हफ्ते बाद भुला दिए जायेंगे
इसलिए उल्लेखनीय नहीं है ,एक्शन ओवर रहा है ,
वही केबल के पुराने ट्रिक्स जिन्हे देख देख कर दर्शक उकता चुके है !
एक्शन प्रधान फिल्म में एक्शन की क्वालिटी न होना अखरता है ,
कुल मिला कर प्रभु देवा ने इस बार वह कमाल नहीं दिखाया जिसकी उनसे अपेक्षा की जाती है !
डेढ़ स्टार
देवेन पाण्डेय
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